शिवजी की आरती
शिव आरती
जब हम देवाधिदेव महादेव की पूजा करते वक्त उनके गुणों का बखान करते है। उनकी आरती उतरते समय शिव आरती पढ़ते है। यह एक शिव स्तुति है।
शिव आरती
जब हम देवाधिदेव महादेव की पूजा करते वक्त उनके गुणों का बखान करते है। उनकी आरती उतरते समय शिव आरती पढ़ते है। यह एक शिव स्तुति है।
सानन्दमानन्दवने वसन्तं
आनन्दकन्दं हतपापवृन्दम्।
वाराणसीनाथमनाथनाथं
श्रीविश्वनाथं शरणं प्रपद्ये॥
द्वादश ज्योतिर्लिंग स्तोत्रम बहुत ही शक्तिशाली स्तोत्र है। द्वादश ज्योतिर्लिंग का स्मरण और नाम लेने मात्र से ही मनुष्य के जीवन में आने वाली सभी बाधाओं से मुक्ति मिल जाती है। महादेव के द्वादश ज्योतिर्लिंग स्मरण से ही दुःख दूर हो जाते है और सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है। द्वादश ज्योतिर्लिंग का प्राकट्य स्वयंभू है।
शिव आह्वान मंत्र बहुत हु प्रभावशाली मंत्र है पूजा करते समय जब हम महादेव को बुलाते है या हम इसको यह बोल सकते है कि आमंत्रित करते है यह मंत्र हम पूजा के प्रारंभ में करते है हमारे अंदर मृत्यु का डर होता है, उनको अपना दुख दर्द बताना चाहते है उस समय हम शिव आह्वान जाप करते है यह जाप करने से मनुष्य के सभी समस्याएं दूर हो जाती और अगर यह सच्ची श्रद्धा भक्ति से किया जाए तो मनुष्य के जीवन से सभी बाधाएं दूर हो जाती है।
शिव ध्यान मंत्र बहुत ही मनमोहक स्तोत्र है। शिव ध्यान मंत्र का स्तोत्र करते समय हम महादेव को स्मरण करते है उनके स्वरूप के बारे में हम ध्यान करते है डमरू की डंकार, सर्प की माला, शिवालय में बजने वाले घंटा की आवाज, त्रिनेत्र, भस्म और नंदी जी, महादेव बहुत ही करुणामयि है, प्रभु आप हमारा कल्याण करेंगे, का ध्यान करना चाहिए। जिससे सभी व्याधियां कट जाती है। यह बहुत ही दिव्य स्तोत्र है। शिव का ध्यान करने मात्र से ही भोले नाथ खुश हो जाते हैं।
शिव ब्रह्माण्ड मंत्र बहुत ही शक्तिशाली स्तोत्र है। महादेव आपकी महिमा अपरम पार है पूरा का पूरा ब्रह्माण्ड अपने समाहित है। आपही पालन करता है। हे देवाधिदेव महादेव शंभू सभी काल कष्ट रोग पाप को दूर करने वाले, बाघंबरधारी, त्रिशूलधारी आप से ही ये ब्रह्माण्ड चलता आपके बिना एक कंकड़ भी नहीं हिलता है। यह स्तोत्र हमें प्रतिदिन महादेव की पूजा अर्चना के समय बोलना चाहिए।
चन्द्रचूड शिवशङ्कर पार्वती रमणने निनगे नमो नमो
महादेव की पूजा अर्चना करने से हमारे सभी दुख दूर हो जाते है। शिव की आराधना करने वालों पे कभी भी कोई विपत्ति नहीं आती है। जब हम आरती कर लेते है उसके बाद मंत्र पुष्पांजलि करते है। मंत्र पुष्पांजलि करते समय हम देवी देवताओं को धन्यवाद करते है और प्रार्थना आग्रह करते है हमारे जीवन में सुख समृद्ध बनी रहे मन में अच्छे विचार आए, भविष्य उज्जवल हो और सभी कठिनाइयां दूर हो जाए।
शिवाय परमेश्वराय बहुत है प्रभावशाली स्तोत्र है। जब हम देवाधिदेव महादेव जी का आह्वाहन करते है उस सम यह दिव्य मंत्र हम बोलते है। महादेव का मंत्र जाप कर के हम महादेव से आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। शिवाय परमेश्वराय स्तोत्र का जाप एकाग्र मन से करना चाहिए। पूरा ब्रह्माण्ड शिव में समाहित है।
देवाधिदेव महादेव की पूजा पाठ और उनकी आराधना करने से हमारी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं साथ ही यस गौरव और सौभाग्यशाली हो जाते है। शिव अमृतवाणी पढ़ने या सुनने से मन प्रसन्न रहता है। सभी विपत्तियों का विनाश हो जाता है। शत्रु पराजित हो जाता है। अच्छे विचारों का प्रवाह होता है। शिव अमृतवाणी का पाठ अवश्य करना चाहिए सभी को।