शिव ध्यान मंत्र बहुत ही मनमोहक स्तोत्र है। शिव ध्यान मंत्र का स्तोत्र करते समय हम महादेव को स्मरण करते है उनके स्वरूप के बारे में हम ध्यान करते है डमरू की डंकार, सर्प की माला, शिवालय में बजने वाले घंटा की आवाज, त्रिनेत्र, भस्म और नंदी जी, महादेव बहुत ही करुणामयि है, प्रभु आप हमारा कल्याण करेंगे, का ध्यान करना चाहिए। जिससे सभी व्याधियां कट जाती है। यह बहुत ही दिव्य स्तोत्र है। शिव का ध्यान करने मात्र से ही भोले नाथ खुश हो जाते हैं।

॥ शिव ध्यानम् स्तोत्रम॥
ॐ डिं डिं डिंकत डिम्ब डिम्ब डमरु, पाणौ सदा यस्य वै।
फुं फुं फुंकत सर्पजाल हृदयं , घं घं च घण्टा रवम् ॥
वं वं वंकत वम्ब वम्ब वहनं , कारुण्य पुण्यात् परम् ॥
भं भं भंकत भम्ब भम्ब नयनं , ध्यायेत् शिवम् शंकरम्॥
यावत् तोय धरा धरा धर धरा ,धारा धरा भूधरा॥
यावत् चारु सुचारु चारू चमरं , चामीकरं चामरं ॥
यावत् रावण राम राम रमणं , रामायणे श्रुयताम्॥
तावत् भोग विभोग भोगमतुलम् यो गायते नित्यस:॥
यस्याग्रे द्राट द्राट द्रुट द्रुट ममलं , टंट टंट टंटटम् ॥
तैलं तैलं तु तैलं खुखु खुखु खुखुमं , खंख खंख सखंखम्॥
डंस डंस डुडंस डुहि चकितं , भूपकं भूय नालम् ॥
ध्यायस्ते विप्रगाहे सवसति सवलः पातु वः चंद्रचूडः॥
गात्रं भस्मसितं सितं च हसितं हस्ते कपालं सितम् ॥
खट्वांग च सितं सितश्च भृषभः , कर्णेसिते कुण्डले ।
गंगाफनेसिता जटापशु पतेश्चनद्रः सितो मूर्धनि ।
सोऽयं सर्वसितो ददातु विभवं , पापक्षयं सर्वदा ॥
॥ इति शिव ध्यानम ॥
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