Shiv Stuti

द्वादश ज्योतिर्लिंग स्तोत्रम्

द्वादश ज्योतिर्लिंग स्तोत्रम बहुत ही शक्तिशाली स्तोत्र है। द्वादश ज्योतिर्लिंग का स्मरण और नाम लेने मात्र से ही मनुष्य के जीवन में आने वाली सभी बाधाओं से मुक्ति मिल जाती है। महादेव के द्वादश ज्योतिर्लिंग स्मरण से ही दुःख दूर हो जाते है और सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है। द्वादश ज्योतिर्लिंग का प्राकट्य स्वयंभू है।

शिव आह्वान मंत्र

शिव आह्वान मंत्र बहुत हु प्रभावशाली मंत्र है पूजा करते समय जब हम महादेव को बुलाते है या हम इसको यह बोल सकते है कि आमंत्रित करते है यह मंत्र हम पूजा के प्रारंभ में करते है हमारे अंदर मृत्यु का डर होता है, उनको अपना दुख दर्द बताना चाहते है उस समय हम शिव आह्वान जाप करते है यह जाप करने से मनुष्य के सभी समस्याएं दूर हो जाती और अगर यह सच्ची श्रद्धा भक्ति से किया जाए तो मनुष्य के जीवन से सभी बाधाएं दूर हो जाती है।

कर्पूर गौरं करुणावतारम् शिव मंत्र

बाबा को हम यूंही नहीं भोले नाथ बोलते है। बाबा को कोई भी आसानी से मन सकता है। स्नान करने के बाद श्रद्धा पूर्वक एक लौटा जल शिव लिंग पर चढ़ा के और साथ साथ बेल पत्र और पुष्प चढ़ा कर के हम प्रभु को प्रणाम कर के अपना दुख दर्द कह के उनको मना सकते है। बाबा भोलेनाथ कभी भी अपने भक्त को निराश नहीं करते है। जो कोई जो कुछ भी सच्चे भाव से प्रभु से प्रार्थना करता है वो उसको मिल जाता है।

शिव मंत्र पुष्पांजली

महादेव की पूजा अर्चना करने से हमारे सभी दुख दूर हो जाते है। शिव की आराधना करने वालों पे कभी भी कोई विपत्ति नहीं आती है। जब हम आरती कर लेते है उसके बाद मंत्र पुष्पांजलि करते है। मंत्र पुष्पांजलि करते समय हम देवी देवताओं को धन्यवाद करते है और प्रार्थना आग्रह करते है हमारे जीवन में सुख समृद्ध बनी रहे मन में अच्छे विचार आए, भविष्य उज्जवल हो और सभी कठिनाइयां दूर हो जाए।

शिवाय परमेश्वराय

शिवाय परमेश्वराय बहुत है प्रभावशाली स्तोत्र है। जब हम देवाधिदेव महादेव जी का आह्वाहन करते है उस सम यह दिव्य मंत्र हम बोलते है। महादेव का मंत्र जाप कर के हम महादेव से आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। शिवाय परमेश्वराय स्तोत्र का जाप एकाग्र मन से करना चाहिए। पूरा ब्रह्माण्ड शिव में समाहित है।

शिव अमृतवाणी

देवाधिदेव महादेव की पूजा पाठ और उनकी आराधना करने से हमारी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं साथ ही यस गौरव और सौभाग्यशाली हो जाते है। शिव अमृतवाणी पढ़ने या सुनने से मन प्रसन्न रहता है। सभी विपत्तियों का विनाश हो जाता है। शत्रु पराजित हो जाता है। अच्छे विचारों का प्रवाह होता है। शिव अमृतवाणी का पाठ अवश्य करना चाहिए सभी को।

श्री शिव रक्षा स्तोत्रम्

श्री शिव रक्षा मंत्र का पाठ करने से हमें भौतिक, दैहिक और आत्मीय शांति मिलता है। भविष्य में आने वाली सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं। जिससे हमारी उन्नति का मार्ग प्रशस्ती हो जाता है। जब हम सुरक्षा, शांति, मनोकामना की पूर्ति, अध्यात्म की जिज्ञासा, स्वस्थ शरीर, सात्विक विचार, मन में सकारात्मक विचारों को लाना और साथ साथ आत्मविश्वास को बढ़ाना इन सभी के लिए मनुष्य को नित्य प्रतिदिन श्री शिव रक्षा मंत्र का जाप करना चाहिए। सभी नकारात्मक ऊर्जाएं नष्ट होने लगती है और साथ ही प्रभु की कृपा बरसने लगती हैं।

उमा महेश्वर स्तोत्र

शिव परिवार की पूजा-आराधना करने से हमारी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है। जब हम देवाधिदेव और मां पार्वती जी को प्रसन्न करना चाहते हैं तो हमें महादेव के शिवलिंग पर प्रतिदिन जलाभिषेक करना चाहिए। पूजा अर्चना के तत्पश्चात हमें उमा महेश्वरी स्तोत्र का पाठ करना चाहिए। इस स्तोत्र को करने से मानसिक शांति के साथ साथ मनवांछित फल की प्राप्ति होती है। प्रतिदिन हमें देवाधिदेव को जलाभिषेक करना चाहिए।

शिव नमस्काराथा मंत्र

महादेव बाबा की पूजा अर्चना करते समय जब हम प्रभु को नमस्कार करते है हमारे अंतर मन में कुछ इच्छाएं है जिसके लिए हम शिव नमस्काराथा मंत्र जाप करते है। यह जाप करने से मनुष्य सौभाग्यशाली हो जाता है अंतर्मन की सभी इच्छा पूर्ति होती है। मान सम्मान धन धन्य की सदैव वृद्धि होती है। मनुष्य निरोगी हो जाता है भविष्य में आने वाली सभी समस्याएं हमेशा के लिए दूर हो जाती है। मन शांत होता है और आंतरिक ऊर्जा का प्रवाह बड़जाता और सकारात्मकता का भाव मन में उत्पन्न होता है। सभी दोष और संकट कट जाते है, आत्मशक्ति भी बढ़ती है। हमें सदैव अपने मन को देवाधिदेव के ध्यान में लगाना चाहिए।