शिव नमस्काराथा मंत्र

महादेव बाबा की पूजा अर्चना करते समय जब हम प्रभु को नमस्कार करते है हमारे अंतर मन में कुछ इच्छाएं है जिसके लिए हम शिव नमस्काराथा मंत्र जाप करते है। यह जाप करने से मनुष्य सौभाग्यशाली हो जाता है अंतर्मन की सभी इच्छा पूर्ति होती है। मान सम्मान धन धन्य की सदैव वृद्धि होती है। मनुष्य निरोगी हो जाता है भविष्य में आने वाली सभी समस्याएं हमेशा के लिए दूर हो जाती है। मन शांत होता है और आंतरिक ऊर्जा का प्रवाह बड़जाता और सकारात्मकता का भाव मन में उत्पन्न होता है। सभी दोष और संकट कट जाते है, आत्मशक्ति भी बढ़ती है। हमें सदैव अपने मन को देवाधिदेव के ध्यान में लगाना चाहिए।

शिव पूजन का सबसे अच्छा समय ब्रह्मर्त होता है। मन को एकाग्र और शांत कर के हमें देवाधिदेव की आराधना करनी चाहिए। शिवलिंग की पूजा अर्चना करने के तत्पश्चात हमें नमस्काराथा मंत्र जाप करना चाहिए।

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देवाधिदेव महादेव

ॐ नमो हिरण्यबाहवे हिरण्यवर्णाय हिरण्यरूपाय।
हिरण्यपतए अंबिकापतय उमापतय पशूपतय नमो नमः॥

ईशान सर्वविद्यानाम् ईश्वर सर्व भूतानाम्
ब्रह्मादीपते ब्रह्मनोदिपते ब्रह्मा शिवोमें अस्तु सदा शिवोहम॥

तत्पुरुषाय विद्महे वागविशुद्धाय धिमहे तन्नो शिव प्रचोदयात्।
महादेवाय विद्महे रुद्रमूर्तये धिमहे तन्नों शिव प्रचोदयात्॥

नमस्ते अस्तु भगवान विश्वेश्वराय महादेवाय
त्र्यंबकाय त्रिपुरान्तकाय त्रिकाग्नी कालाय
कालाग्नी रुद्राय नीलकंठाय मृत्युंजयाय
सर्वेश्वराय सदशिवाय
श्रीमान महादेवाय नमः॥
श्रीमान महादेवाय नमः
श्रीमान महादेवाय नमः
ॐ शांति शांति शांति:..