महादेव की पूजा अर्चना करने से हमारे सभी दुख दूर हो जाते है। शिव की आराधना करने वालों पे कभी भी कोई विपत्ति नहीं आती है। जब हम आरती कर लेते है उसके बाद मंत्र पुष्पांजलि करते है। मंत्र पुष्पांजलि करते समय हम देवी देवताओं को धन्यवाद करते है और प्रार्थना आग्रह करते है हमारे जीवन में सुख समृद्ध बनी रहे मन में अच्छे विचार आए, भविष्य उज्जवल हो और सभी कठिनाइयां दूर हो जाए।
अथ मंत्र पुष्पांजली
ॐ यज्ञेन यज्ञमयजंत देवास्तानि धर्माणि प्रथमान्यासन् l
ते हं नाकं महिमान: सचंत यत्र पूर्वे साध्या: संति देवा: l
ॐ राजाधिराजाय प्रसह्ये साहिने l
नमो वयं वैश्रवणाय कुर्महे l
स मे कामान्कामकामाय मह्यम् |
कामेश्वरो वैश्रवणो ददातु l
कुबेराय वैश्रवणाय महाराजाय नम: l
ॐ स्वस्ति साम्राज्यं भौज्यं स्वाराज्यं वैराज्यं l
पारमेष्ठ्यं राज्यं माहाराज्यमाधिपत्यमयं समंतपर्यायी ईस्यात सार्वभौम।
सार्वायुष आंतादापरार्धात्पृथिव्यै समुद्रपर्यंता या एकराळिति l
तदप्येष श्लोकोऽभिगीतो मरुत: परिवेष्टारो मरुत्तस्यावसन्गृहे l
आविक्षितस्य कामप्रेर्विश्वेदेवा: सभासद इति।
ॐ विश्व दकचक्षुरुत विश्वतो मुखो विश्वतोबाहुरुत l
विश्वतस्पात संबाहू ध्यानधव धिसम्भत त्रैत्याव भूमी जनयंदेव एकः।
ॐ तत्पुरुषाय विदमहे, महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्र: प्रचोदयात्।
नाना सुगंध पुष्पांनी यथापादो भवानीच l
पुष्पांजलीर्मयादत्तो रुहाण परमेश्वर
ॐ भूर्भुव: स्व: भगवते श्री सांबसदाशिवाय नमः।
मंत्र पुष्पांजलि समर्पयामी नमस्करोमी ll
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