March 2025

शिव ध्यान मंत्र

शिव ध्यान मंत्र बहुत ही मनमोहक स्तोत्र है। शिव ध्यान मंत्र का स्तोत्र करते समय हम महादेव को स्मरण करते है उनके स्वरूप के बारे में हम ध्यान करते है डमरू की डंकार, सर्प की माला, शिवालय में बजने वाले घंटा की आवाज, त्रिनेत्र, भस्म और नंदी जी, महादेव बहुत ही करुणामयि है, प्रभु आप हमारा कल्याण करेंगे, का ध्यान करना चाहिए। जिससे सभी व्याधियां कट जाती है। यह बहुत ही दिव्य स्तोत्र है। शिव का ध्यान करने मात्र से ही भोले नाथ खुश हो जाते हैं।

कर्पूर गौरं करुणावतारम् शिव मंत्र

बाबा को हम यूंही नहीं भोले नाथ बोलते है। बाबा को कोई भी आसानी से मन सकता है। स्नान करने के बाद श्रद्धा पूर्वक एक लौटा जल शिव लिंग पर चढ़ा के और साथ साथ बेल पत्र और पुष्प चढ़ा कर के हम प्रभु को प्रणाम कर के अपना दुख दर्द कह के उनको मना सकते है। बाबा भोलेनाथ कभी भी अपने भक्त को निराश नहीं करते है। जो कोई जो कुछ भी सच्चे भाव से प्रभु से प्रार्थना करता है वो उसको मिल जाता है।

शिव ब्रह्मांड मंत्र

शिव ब्रह्माण्ड मंत्र बहुत ही शक्तिशाली स्तोत्र है। महादेव आपकी महिमा अपरम पार है पूरा का पूरा ब्रह्माण्ड अपने समाहित है। आपही पालन करता है। हे देवाधिदेव महादेव शंभू सभी काल कष्ट रोग पाप को दूर करने वाले, बाघंबरधारी, त्रिशूलधारी आप से ही ये ब्रह्माण्ड चलता आपके बिना एक कंकड़ भी नहीं हिलता है। यह स्तोत्र हमें प्रतिदिन महादेव की पूजा अर्चना के समय बोलना चाहिए।

शिव मंत्र पुष्पांजली

महादेव की पूजा अर्चना करने से हमारे सभी दुख दूर हो जाते है। शिव की आराधना करने वालों पे कभी भी कोई विपत्ति नहीं आती है। जब हम आरती कर लेते है उसके बाद मंत्र पुष्पांजलि करते है। मंत्र पुष्पांजलि करते समय हम देवी देवताओं को धन्यवाद करते है और प्रार्थना आग्रह करते है हमारे जीवन में सुख समृद्ध बनी रहे मन में अच्छे विचार आए, भविष्य उज्जवल हो और सभी कठिनाइयां दूर हो जाए।

शिवाय परमेश्वराय

शिवाय परमेश्वराय बहुत है प्रभावशाली स्तोत्र है। जब हम देवाधिदेव महादेव जी का आह्वाहन करते है उस सम यह दिव्य मंत्र हम बोलते है। महादेव का मंत्र जाप कर के हम महादेव से आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। शिवाय परमेश्वराय स्तोत्र का जाप एकाग्र मन से करना चाहिए। पूरा ब्रह्माण्ड शिव में समाहित है।

शिव अमृतवाणी

देवाधिदेव महादेव की पूजा पाठ और उनकी आराधना करने से हमारी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं साथ ही यस गौरव और सौभाग्यशाली हो जाते है। शिव अमृतवाणी पढ़ने या सुनने से मन प्रसन्न रहता है। सभी विपत्तियों का विनाश हो जाता है। शत्रु पराजित हो जाता है। अच्छे विचारों का प्रवाह होता है। शिव अमृतवाणी का पाठ अवश्य करना चाहिए सभी को।

श्री शिव रक्षा स्तोत्रम्

श्री शिव रक्षा मंत्र का पाठ करने से हमें भौतिक, दैहिक और आत्मीय शांति मिलता है। भविष्य में आने वाली सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं। जिससे हमारी उन्नति का मार्ग प्रशस्ती हो जाता है। जब हम सुरक्षा, शांति, मनोकामना की पूर्ति, अध्यात्म की जिज्ञासा, स्वस्थ शरीर, सात्विक विचार, मन में सकारात्मक विचारों को लाना और साथ साथ आत्मविश्वास को बढ़ाना इन सभी के लिए मनुष्य को नित्य प्रतिदिन श्री शिव रक्षा मंत्र का जाप करना चाहिए। सभी नकारात्मक ऊर्जाएं नष्ट होने लगती है और साथ ही प्रभु की कृपा बरसने लगती हैं।

श्री पार्वतीवल्लभ अष्टकम

देवाधिदेव और माता पार्वती की पूजा अर्चना करने के पश्चात हम प्रभु और माता से प्रार्थना के लिए हम श्री पार्वती वल्लभ अष्टकम करते हैं। श्री पार्वतीवल्लभ अष्टकम पढ़ने से पहले हमें अपने मन को एकाग्र करके प्रार्थना करना चाहिए। यह अष्टकम पढ़ने से दुःख दरिद्रता सब दूर हो जाता है। श्री पार्वतीवल्लभ अष्टकम करने से मनुष्य के जीवन से सभी व्याधियां कट जाती है। साथ ही साथ मन में अच्छे विचारों का प्रवाह होने लगता है। हमें प्रतिदिन यह प्रार्थना करनी चाहिए।

उमा महेश्वर स्तोत्र

शिव परिवार की पूजा-आराधना करने से हमारी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है। जब हम देवाधिदेव और मां पार्वती जी को प्रसन्न करना चाहते हैं तो हमें महादेव के शिवलिंग पर प्रतिदिन जलाभिषेक करना चाहिए। पूजा अर्चना के तत्पश्चात हमें उमा महेश्वरी स्तोत्र का पाठ करना चाहिए। इस स्तोत्र को करने से मानसिक शांति के साथ साथ मनवांछित फल की प्राप्ति होती है। प्रतिदिन हमें देवाधिदेव को जलाभिषेक करना चाहिए।